सरिता शब्दार्थ:
विमल | स्वच्छ, साफ |
निनाद | ध्वनि |
विह्वल | व्याकुल |
वसुधा | पृथ्वी |
वत्सल | पुत्रवत स्नेह करने वाला |
रजनी | रात |
अन्तस्तल | हृदय |
अविरल | निरन्तर, लगातार |
यह लघु सरिता, …………………… का बहता जल॥
संदर्भ – ‘यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वाटिका’ के ‘सरिता’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता गोपाल सिंह ‘नेपाली’ हैं।
प्रसंग – इस कविता में कवि ने नदी की विशेषताओं का वर्णन किया है।
भावार्थ- कवि कहता है कि इस छोटी नदी का बहता हुआ जल बहुत अधिक ठंडा और स्वच्छ है। हिमालय से बहकर आनेवाला यह पानी दूध जैसा स्वच्छ, निर्मल है। यह जल कल-कल की ध्वनि में गान करते हुए, मानो शरीर की चंचलता और मन की लगन प्रदर्शित करता हो। ऐसा है इस छोटी नदी का प्रवाहित होता हुआ जल।
ऊँचे शिखरों से ……………………… का बहता जल॥
भावार्थ- यह जल पर्वत की ऊँची चोटियों से नीचे उतरकर पहाड़ की चट्टानों पर गिरता रहता है। दिन-रात और जीवनपर्यंत यह जल कंकड़-पत्थर में प्रवाहित होते हुए पृथ्वी का तल (हृदय) धोता रहता है। ऐसा है इस छोटी नदी का बहता हुआ जल।
हिम के पत्थर, ….…………………… का बहता जल॥
भावार्थ- पर्वत के कठोर हिम से यह जल पिघल-पिघलकर पृथ्वी का सुन्दर जल बन गया। इस जल को थोड़ा पीकर रास्ता चलनेवाला पथिक (राहगीर) तृप्त हुआ (सुखी हुआ)। छोटी नदी का बहता हुआ पानी नित्य ताप सहकर भी अत्यंत शीतल है।
कितना कोमल …………………..…. का बहता जल॥
भावार्थ- भारत माता का धरातल (हृदय) बहुत कोमल, जीवन रक्षक और पुत्रवत् स्नेह करनेवाला है। इसका यह शीतल जल तृप्त करनेवाला है। गंगा, यमुना, सरयू का यह स्वच्छ जल युग-युगांतर से लगातार प्रवाहित होता चला आ रहा है। यह छोटी सरिता का प्रवाहित जल है।
अभ्यास प्रश्न:
1. बोध प्रश्न – उत्तर लिखिए
(क) सरिता का जल कहाँ से आता है?
उत्तर: सरिता का जल पर्वत की ऊँची बर्फीली चोटियों से आता है।
(ख) सरिता का जल रात-दिन बहते हुए कौन-सा कार्य करता है?
उत्तर: सरिता का जल रात-दिन बहते हुए पृथ्वी के धरातल को धोता रहता है।
(ग) पथिक सरिता के जल से किस प्रकार सुख पाता है?
उत्तर: पथिक सरिता का थोड़ा-सा शीतल जल पीकर ही तृप्ति पा जाता है। (सुखी होता है)।
(घ) कवि ने जननी के अन्तस्तल को कोमल क्यों कहा है?
उत्तर: धरती के भीतरी भाग (हृदय) में जल के अजस्र स्रोत बहते हैं; अतः कवि ने जननी (धरती) को कोमल कहा है।
(ङ) सरिता के जल को ‘तन का चंचल’ क्यों कहा गया है?
उत्तर: सरिता के जल को ‘तन का चंचल’ इसीलिए कहा गया है क्योकि उसमें चंचलता है।
2. नीचे लिखी पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए –
(क) ‘तन का चंचल मन का विह्वल, यह लघु सरिता का बहता जल’
भावार्थ: लंगातार आगे बढ़ते रहने के कारण नदी के जल को ‘तन का चंचल, मन का विह्वल’ कहा गया है।
(ख) “दिन भर, रजनी भर, जीवन भर, धोता वसुधा का अन्तस्तल’
भावार्थ: दिन-रात सारा जीवन धरती माता का हृदय धोता रहता है।
(ग) “नित जलकर भी कितना शीतल’
भावार्थ: पृथ्वी और सूर्य का ताप (गर्मी) सहन कर भी नदी का जल ठंडा रहता है।
(घ) ‘बहता रहता युग-युग अविरल’
भावार्थ: युगों-युगों तक लगातार बहता रहता है।
3.सोच-विचार: बताइए –
क्या कारण है– नदियों का जल उद्गम स्थल पर शुद्ध होता है जो आगे चलकर प्रदूषित हो जाता है?
उत्तर: ज्यादातर सभी बड़े शहर नदियों के किनारे ही बसे हैं । शहर का सारा गन्दा पानी नालों से होकर नदियों में ही गिरता है । यही कारण है कि नदियों का पानी प्रदूषित हो जाता है ।”
4. भाषा के रंग-
(क) कल-कल, छल-छल, समान ध्वनि के शब्द हैं जिनका एक साथ दोहरा प्रयोग हुआ है । इससे भाषा में सुन्दरता बढ़ी है । कविता में आए इस प्रकार के अन्य शब्द लिखिए–
उत्तर – दिन-भर, रजनी-भर, जीवन-भर, उतर-उतर, गिर-गिर, कंकड़-कंकड़, पिघल-पिघल और युग-युग ।
(ख) कविता की पंक्तियों के अंत में समान तुक वाले शब्द आए हैं , विकल-निकल, जल-छल । इसी प्रकार समान तुक वाले शब्दों के जोड़े बनाइए।
उत्तर: पिघल-विमल, वत्सल-अंतस्तल, उतर-पर ।
(ग) कविता में सरिता के जल के लिए अनेक विशेषण शब्दों का प्रयोग हुआ है जैसे – शीतल, निर्मल आदि । ऐसे ही पाँच और विशेषण शब्दों को कविता से ढूँढकर लिखिए।
उत्तर: चंचल , विमल , दूध-सा, हिम का जल, मृदु जल, करुणा जल, ।
(घ) ‘दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए –
सरिता – नदी, तरंगिणी पर्वत – पहाड़ , गिर
जल – पानी , नीर वसुधा – पृथ्वी , धरा
5. अनुमान और कल्पना
यदि नदियों का जल सूख जाए तो क्या होगा ?
उत्तर – नदियों का जल सूख जाने पर बहुत ही भयावह स्थिति का सामना करना पड़ेगा । हमारे देश के कुछ शहर नदियों के जल से पीने का पानी प्राप्त करते हैं , वहां जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा । उसी प्रकार सभी जंगली जानवर झीलों और नदियों के पानी से प्यास बुझाते हैं । नदियों के सूख जाने पर उनके जीवन पर संकट आ जाएगा ।
6. तुम्हारी कलम से –
‘जल ही जीवन है।’ इस कथन के सम्बन्ध में अपने विचारों को दस पंक्तियों में लिखिए ।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं अपना अनुभव लिखें ।
7. अब करने की बारी –
(क) कविता का अभ्यास कर प्रभावपूर्ण ढंग से कक्षा में सुनाइए।
(ख) पहाड़ से निकलती हुई नदी का चित्र बनाइए ।
(ग) अपने क्षेत्र में बहने वाली नदियों के नाम लिखिए ।
उत्तर: उपरोक्त सभी प्रश्नों का उत्तर छात्र स्वयं लिखें |