भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले, जिनपर लोगों ने बरसाए थे पत्‍थर

महाराष्ट्र के सतारा जिले के नयागांव में एक दलित परिवार में 3 जनवरी 1831 को जन्‍मी सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका थी। 

सावित्रीबाई का विवाह बहुत ही छोटी उम्र में हो गया था। उनका विवाह महज नौ साल की उम्र में वर्ष 1940 में ज्योतिराव फुले से हो गया।

सावित्रीबाई का विवाह बहुत ही छोटी उम्र में हो गया था। उनका विवाह महज नौ साल की उम्र में वर्ष 1940 में ज्योतिराव फुले से हो गया। 

1848 में, उन्होंने भारत में पहला महिला शिक्षा संस्थान "फुले शिक्षण समाज" की स्थापना की।

1848 में, उन्होंने भारत में पहला महिला शिक्षा संस्थान "फुले शिक्षण समाज" की स्थापना की।

भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई ने अपने पति समाजसेवी महात्मा ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर 1848 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की थी।

भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई ने अपने पति समाजसेवी महात्मा ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर 1848 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की थी। 

भारत में आजादी से पहले समाज के अंदर छुआ-छूत, सतीप्रथा, बाल-विवाह और विधवा-विवाह जैसी कुरीतियां व्याप्त थी। सावित्रीबाई फुले का जीवन बेहद ही मुश्किलों भरा रहा।

भारत में आजादी से पहले समाज के अंदर छुआ-छूत, सतीप्रथा, बाल-विवाह और विधवा-विवाह जैसी कुरीतियां व्याप्त थी। सावित्रीबाई फुले का जीवन बेहद ही मुश्किलों भरा रहा। 

इन्‍हें बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए समाज का कड़ा विरोध झेलना पड़ा था।  

उन्होंने अपने जीवन में महिलाओं के लिए शिक्षा के अधिकार की लड़ाई लड़ी और उन्होंने समाज में सामाजिक समानता की ओर कदम बढ़ाया।  

उन्होंने अपने जीवन में महिलाओं के लिए शिक्षा के अधिकार की लड़ाई लड़ी और उन्होंने समाज में सामाजिक समानता की ओर कदम बढ़ाया।  

उन्होंने महिलाओं को समाज में शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए कई शिक्षा संस्थानों की स्थापना की, जिनमें सावित्रीबाई फुले पुणे महिला विद्यापीठ भी शामिल है।

उन्होंने महिलाओं को समाज में शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए कई शिक्षा संस्थानों की स्थापना की, जिनमें सावित्रीबाई फुले पुणे महिला विद्यापीठ भी शामिल है।