वर्ष 2023 की थीम: “मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल: ओज़ोन परत को ठीक करना और जलवायु परिवर्तन को कम करना” (Fixing the Ozone Layer and Reducing Climate Change)।
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ओजोन (OZONE, O3) आक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है जो वायुमण्डल में बहुत कम मात्रा (0.00004%) में पाई जाती हैं।
इस दिन को मनाने के लिए 16 सितंबर को इसलिए चुना गया, क्योंकि इस दिन 1987 के दौरान ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल को स्वीकार किया गया था.
ओजोन दिवस (World Ozone Day) हर साल 16 सितंबर को मनाया जाता है और इसका उद्देश्य विश्वभर में ओजोन स्तर की सुरक्षा और ओजोन से संबंधित विषयों पर जागरूकता बढ़ाना है। यह एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन है जिसका मुख्य उद्देश्य है लोगों को ओजोन की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूक करना और इसकी सुरक्षा के लिए समर्थन बढ़ाना है।
ओजोन द्वारा बनाए जाने वाले ओजोन स्तर का सुरक्षा करना हमारे पृथ्वी को कहां-कहां की कठिनाइयों से बचाने में मदद करता है, जैसे कि नकरात्मक उर्जा के कारण होने वाली क्षति से। ओजोन स्तर की कमी से होने वाली बड़ी समस्या में से एक उदाहरण है ओजोन होल (Ozone Hole)।
ओजोन दिवस के माध्यम से, लोगों को यह सिखाया जाता है कि हमारे व्यवहारों का पृथ्वी के ओजोन स्तर पर कैसा प्रभाव हो सकता है और हम इसे कैसे सुरक्षित रख सकते हैं। इस दिन कई शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिनमें विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और पर्यावरण से संबंधित विषयों पर चर्चा होती है।
इस दिन को मनाने का एक मुख्य उद्देश्य यह है कि लोगों को ओजोन की महत्वपूर्णीयता के प्रति जागरूक करें और यह समझें कि वे अपने आचार-विचार से कैसे इसकी सुरक्षा में मदद कर सकते हैं।
ओजोन दिवस क्यों मनाया जाता है?
ओजोन दिवस का मनाना उस समय की याद करने के लिए है जब 1987 में “मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल” को संबोधित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 16 सितंबर को चुना। मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल वह समझौता है जिसका उद्देश्य ओजोन परत की सुरक्षा करना है।
ओजोन परत एक रक्षात्मक परत है जो सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट रेडिएशन (UV) से हमें बचाती है। 1970 और 1980 के दशकों में वैज्ञानिकों ने देखा कि कुछ रसायनों, जैसे कि क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs) और हलों, ओजोन को कम कर रहे हैं और इसे दूरभाषी इंफ्रारेड से संरक्षित करने की क्षमता कम हो रही है।
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ने ऐसे सुरक्षा यात्रा की शुरुआत की, जिसमें विशेष रूप से CFCs का उपयोग कम करने और बंद करने का समझौता किया गया। ओजोन दिवस का मनाना हर साल इस समझौता की महत्वपूर्ण बातों को याद दिलाता है और लोगों को ओजोन की सुरक्षा में भाग लेने के लिए प्रेरित करता है।
भारत मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में कब शामिल हुआ?
भारत ने मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में 1 जनवरी 1993 को शामिल हुआ था। मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है जो ओजोन गैसों की उत्पत्ति और उनके उपयोग को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया था। इस प्रोटोकॉल के तहत, विशेष रूप से ओजोन द्रव्यों के उपयोग को कम करने के लिए अनुबंधित और अनुमति देने वाले उत्पादों को नियंत्रित किया गया है।
पहली बार ओजोन दिवस कब मनाया गया?
संयुक्त राष्ट्र और 45 अन्य देशों ने 16 सितंबर 1987 को ओजोन लेयर को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए थे । जिसके बाद पहली बार 16 सितंबर 1995 को ‘वर्ल्ड ओजोन डे’ मनाया गया और इसके बाद से हर साल ये दिवस मनाया जाता है।
मोंट्रियल प्रोटोकॉल कहाँ हुआ था?
ओजोन के अवश्य ( ह्रास ) के हानिकारक प्रभाव को देखते हुए सन 1987 में मॉन्ट्रियल ( कनाडा ) में अंतराष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर हुए , जिसे मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल कहा जाता है । यह संधि 1987 से प्रभावी हुई । इसके अंतर्गत ओजोन अवक्षयकारी गैसों के उत्सर्जन पर नियंत्रण हेतु प्रतिबंध लगाया गया तथा और अधिक अन्य प्रयास किये गए ।
विश्व ओजोन दिवस का महत्व
विश्व ओजोन दिवस का महत्व विभिन्न कारणों से उत्पन्न होता है, जो पृथ्वी के और उसके निवासियों के लिए महत्वपूर्ण हैं:
- ओजोन की सुरक्षा: विश्व ओजोन दिवस का मुख्य उद्देश्य है लोगों को ओजोन परत की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूक करना और इसे सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाने के लिए प्रेरित करना। ओजोन परत सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट (UV) किरणों से हमें बचाती है और बिना इसके, जीवन संभावना में कमी हो सकती है।
- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का महत्व: विश्व ओजोन दिवस का अद्भुत महत्व उस समय से आता है जब 1987 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल को स्वीकृत किया गया था। इस प्रोटोकॉल ने ओजोन विनाश को रोकने के लिए विशेष रूप से युक्तियों को बढ़ावा दिया और विभिन्न राष्ट्रों को ओजोन वर्षा बनाए रखने के लिए समर्थ बनाया।
- पर्यावरण की रक्षा: ओजोन दिवस पर, लोगों को पर्यावरण की रक्षा के महत्व को समझाने का मौका मिलता है। इसके माध्यम से, लोग अपनी क्रियाओं के माध्यम से पर्यावरण सुरक्षा में योगदान करने के लिए प्रेरित होते हैं।
- वैश्विक सहयोग: ओजोन दिवस एक ऐसा समय है जब वैश्विक समुदाय एक साथ आकर ओजोन परत की सुरक्षा के लिए साझा जिम्मेदारी लेता है। इस दिन के माध्यम से, विभिन्न स्तरों पर लोगों को मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
इन कारणों से, विश्व ओजोन दिवस का महत्व आम तौर से प्रशंसा किया जाता है और यह एक महत्वपूर्ण दिन है जो पर्यावरण संरक्षण के मामले में जागरूकता बढ़ाता है।
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FAQ :
ओजोन दिवस कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है?
हर साल 16 सितंबर को पूरी दुनिया में विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है. धरती के चारों ओर स्थित ओजोन परत के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है. जितना जरूरी हमारे शरीर के लिए ऑक्सीजन है, उतनी ही ओजोन परत भी. इसलिए समय-समय पर वैज्ञानिक इस परत को लेकर लोगों को जागरूक करते हैं
16 सितंबर को कौन सा दिवस मनाया जाएगा?
विश्व ओजोन दिवस – 16 सितंबर 2023
ओजोन दिवस 2022 की थीम क्या थी ?
हर साल ओजोन लेयर के प्रति जागरूक करने के लिए एक थीम जारी की जाती है. विश्व ओजोन दिवस 2022 थीम ” इस साल की थीम Global Cooperation Protecting life on Earth (पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करने वाला वैश्विक सहयोग) थीम रखी गई है.
विश्व ओजोन दिवस का नारा क्या है?
सही उत्तर ओज़ोन फॉर लाइफ है। प्रत्येक वर्ष 16 सितंबर को विश्व ओज़ोन दिवस मनाया जाता है। यह दिन ओज़ोन परत के ह्रास के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। विश्व ओज़ोन दिवस 2020 का स्लोगन “ओज़ोन फॉर लाइफ” है।
ओजोन दिवस 2021 की थीम क्या थी
बात करें वर्ल्ड ओजोन डे 2021 की थीम की तो इस साल की थीम है, “मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल – हमें, हमारे भोजन और टीकों को ठंडा रखना” है।